केरल के बाढ़ग्रस्त आदिवासी क्षेत्रों में आर्ट ऑफ लिविंग का राहतदायक स्पर्श | The Art of Living’s healing touch in the deluge-hit tribal areas of Kerala

सेवा और सामाजिक कार्यक्रम | Updated: | 1 min read


केरल के बाढ़ग्रस्त आदिवासी क्षेत्रों में आर्ट ऑफ लिविंग का राहतदायक स्पर्श | The Art of Living’s healing touch in the deluge-hit tribal areas of Kerala  

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग ने केरल में चुनिंदा आदिवासी बस्तियों तथा एक नगरीय क्षेत्र, जोकि कुछ समय पहले की बाढ़ से उजड़ गए हैं, के पुनर्वसन व दीर्घकालिक विकास में सहायता का हाथ बढ़ाने की घोषणा की है।

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सितम्बर २, २०१८
कोच्ची, केरल

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग ने केरल में चुनिंदा आदिवासी बस्तियों तथा एक नगरीय क्षेत्र, जोकि कुछ समय पहले की बाढ़ से उजड़ गए हैं, के पुनर्वसन व दीर्घकालिक विकास में सहायता का हाथ बढ़ाने की घोषणा की है।

यह केरल सरकार के “केरल का पुननिर्माण” (#RebuildingKerala) अभियान के साथ मिलकर होगा. इसके साथ ही, संस्था के परियोजना अनुसंधान विभाग ने ४ ऐसे क्षेत्रोँ की पहचान की है जिन्हें अविलंब ध्यान व सहायता की आवश्यकता है।

इडुक्की में कोज़्हेलाकुडी, पथानामथिट्टा में साबरीमाला के निकट अट्टथोडू, मलप्पुरम में उरंगत्तिरि चयनित आदिवासी बस्तियां हैं। इसके अतिरिक्त, आर्ट ऑफ लिविंग अपने दीर्घकालिक नगरीय कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत चेंगन्नूर के पंडानडु में भी पुनर्वसन प्रयासों में सहायता करेगी।

आर्ट ऑफ़ लिविंग के युवा खण्ड – YLTP के नेतृत्व में, संस्था युवाचार्यों की नियुक्ति करेगी जोकि इन सभी क्षेत्रों में “श्री अभयम” परियोजना के समायोजन व कार्यान्वयन हेतु उत्तरदायी होंगे।

श्री अभयम परियोजना का स्वास्थ्य, स्वच्छता, मानवीय मूल्यों तथा शिक्षा के प्रचार, एकता व समृद्धि पर ३६० डिग्री दृष्टिकोण होगा। आघात राहत कार्यशालाएं व नियमित चिकित्सा शिविर, इस कार्यक्रम के अनिवार्य भाग होंगे। ये प्रभावित परिवारों को मूलभूत वस्तुओं के साथ “ग्रह राहत किट” प्रदान कर उनके घरों की मरम्मत में सहायता करेंगे, जल शुद्धिकरण उपकरण प्रदान करेंगे, सौर्य ऊर्जा के बिजली उपकरण व लालटेन, जो भी आवश्यक हो तो प्रदान करेंगे।

आदिवासी समुदायों के छात्रों को छात्रवृति प्रदान कर उन्हें अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। छोटे पुस्तकालयों की परिकल्पना भी की गई है।

“श्री अभयम” का दूसरा चरण व्यावसायिक प्रशिक्षण तथा कौशल विकास पर केंद्रित होगा। प्रभावित परिवारों को इस बात की चिंता होगी कि जीवन सामान्य होने की लम्बी प्रकिया कैसी होगी, परन्तु आर्ट ऑफ लिविंग, इसके विशिष्ट परियोजना “श्री अभयम” के साथ यह प्रगाढ़ विश्वास रखता है कि “राहत व पुनर्वसन का उद्देश्य पीड़ितों की पीड़ा व उनके द्वारा सहे गए दुःख को कम करना तथा उन्हें अचानक उनकी जीविका के साधन खो देने के आघात से मुक्त करना है”।

आर्ट ऑफ़ लिविंग केरल में चल रहे अपने राहत कार्यों को भी जारी रखेगी। संस्था ने ७५० से अधिक घरों, कई पाठशालाओं तथा कालीकट नगरपालिका कार्यालय को स्वच्छ किया है, ४५ चिकित्सा शिविर चला रही है, १५० से अधिक आघात राहत कार्यशालाएं की हैं तथा बाढ़ पीड़ितों में ९.५ करोड़ लागत के २५,००० “गृह राहत किट” बाँट चुकी है।

बीते वर्षों में, आर्ट ऑफ़ लिविंग ने विश्व भर के कई देशों जैसे कोसोवो, सीरिया, इराक़, नेपाल, श्रीलंका इत्यादि, यहाँ तक की संयुक्त राज्य अमेरिका में कैटरीना के विध्वंस के पश्चात भी, ऐसे कार्यक्रमों को कार्यान्वित किया है।

मीडिया संपर्क :
नंदकिशोर हरिकुमार – +९१ ९०७२३०४२३०
ई-मेल : nandu.hari@artofliving.org

सहयोग देने हेतु:
वेबसाइट : tiny.cc/floodrelief

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