काश्मीर में श्री श्री ने प्रारंभ की शांति की शुरूवात | Gurudev Initiates Peace Process In Kashmir

शांति की पहल | Updated: | 2 min read


काश्मीर में श्री श्री ने प्रारंभ की शांति की शुरूवात | Gurudev Initiates Peace Process In Kashmir  

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने "बैक टू पैराडाइज सम्मेलन" के माध्यम से पर कश्मीर हालात पर बातचीत करने हेतु कई हितधारकों को एक साथ लाया।

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शांति के लिए दक्षिण एशियाई फोरम का गठन किया गया

नवंबर २३, २०१६
जम्मू, भारत

हाल ही के कुछ दिनों में आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता और आध्यात्मिक संत श्री श्री रवि शंकर जी द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों को साथ लाने का अकल्पनीय कार्य किया गया है। इन वर्गो में पूर्व अलगाववादी, आतंक के शिकार लोग, युवा, महिलाएं, उद्यमी, कश्मीर के गैर सरकारी संगठन, सुफी लीडर, सेवानिवृत्त कर्मचारी, कला व संस्कृति से जुडे लोग, सिख समुदाय के लोग सभी ने मिलकर काश्मीर में ‘स्वर्ग की वापसी’ सम्मेलन में अपनी भागीदारी दी और चर्चा में भाग लिया। हाल के महीनों में यह पहली बार है कि जम्मू और कश्मीर के हितधारकों का इतना वैविध्यपूर्ण और बड़ा प्रतिनिधित्व शांतिपूर्ण और समृद्ध कश्मीर पर बातचीत के लिए आया।

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श्री श्री ने इस अवसर पर काश्मीर के हितग्राहियों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘आप में से कई लोग १२ से १५ घंटों की यात्रा कर यहाॅं आए हैं क्योंकि आप पिछले महीनों में जो भी कुछ हुआ है, उसके दर्द से गुजर रहे हैं। मैं यहाॅं इस समस्या का कोई पूर्व से तैयार हल लेकर नहीं आया हूॅं। हम सब एक साथ मिलकर आगे आएँगे, बैठेंगे और हल निकालेंगे। इस समस्या का हल किसी गली में नहीं है, न ही बंदूकों या पत्थरों में है।’’

सम्मेलन में अन्य वक्ताओं जैसे श्री टिंग, प्रसिद्ध काश्मीरी इतिहासकार, श्री निजामुद्विन भट्ट, कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार, ले.ज. सुब्रत साहा, आर्मी प्रमुख, प्रो. निसार अली, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अर्थशास्त्री और विश्व बैंक के पूर्व सलाहकार, श्री अशोक एमा, कुलपति, केन्द्रीय विश्वविद्यालय जम्मू ने भी अपने अपने वक्तव्य रखे।

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पिछले दिनों में काश्मीर से बहुत सारे प्रतिनिधि मंडलों ने गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी से मुलाकात की है। इनमें प्रमुख है डाॅ. गुलाम रसूल हामी जो करवान-ए-इस्लामी के जम्मू-काश्मीर प्रमुख हैं, मुजफ्फर वानी जो आतंकी बुरहान वानी के पिता हैं। गुरुदेव के प्रति कश्मीर में राजनीतिक और सामाजिक स्पेक्ट्रम में असीम सद्भावना, भरोसा और विश्वास को देखते हुए, इन सभी ने गुरूदेव से न केवल आग्रह किया बल्कि उन्हे पूरा सहयोग, समर्थन भी देने का वादा किया कि वे काश्मीर के मसले पर हस्तक्षेप करें।

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यह आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से घाटी में शांति बहाल करने के प्रयास में विविध हितधारकों को एकसाथ जुड़ने (रैली) के लिए एक प्रयास है। यह सम्मेलन काश्मीर के लीडरों के लिए एक स्टेज का कार्य करेगा जिस पर प्रत्येक आवाज को रखा जा सकेगा और वहां कश्मीर में शांति हेतु समर्थन कर सकेंगे। इसके लिए प्रमुख तौर पर विवादों पर आपसी बातचीत, लोगों के मध्य कार्य करना, उनके बीच संवाद स्थापित करना ऐसी कई प्रक्रियाएं अपनाई जायेगी।

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने कहा, ‘‘काश्मीर प्रबुद्धों, कलाकारों, सुफी संतों, साहित्यकारों ऋषि-मुनियों, आध्यात्मिक संतो की भूमि रही है। लेकिन आज हम असहाय होकर स्कूलों को जलता हुआ देख रहे हैं, दुकानों को नष्ट करते हुए देख रहे हैं। हम यहाँ की कई समझदार आवाजों को अनसुना कर रहे हैं। एक आम आदमी सिर्फ हड़ताल और कफ्र्यू में उलझ कर रह गया है। आज यह भी आवश्यक है कि एक आम आदमी को एक स्टेज मिले जिसपर वह अपनी बात रख सके, अपनी राय दे सके। इसलिए मैने सोचा कि हम सब मिलकर आगे आये और शांति के लिए बनाई गई दक्षिण एशियाई फोरम का गठन करें।’’

इस अवसर पर शांति के लिए दक्षिण एशियाई फोरम का शुभारंभ किया गया। इस फोरम में ८ दक्षिण एशियाई देश शामिल रहेंगे जो विभिन्न क्षेत्र जैसे उद्यमिता, कौशल विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, शैक्षिक सहभागिता, महिला सशक्तिकरण में कार्य करेगी।

यह पहली बार नहीं है कि गुरूदेव श्री श्री रविशंकर जी ने भागौलिक-राजनैतिक विवादों को हल करने में पहल की है। इससे पहले पाॅंच दशक से चले आ रहे कोलम्बिया के गृह युद्ध में श्री श्री की पहल से वहाॅं युद्ध विराम हो पाया। इसके लिए उन्हे वहाॅं का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भी दिया गया। उनके द्वारा दिए गए गांधीवादी अहिंसा के सिद्धांतों को स्थान मिला। वर्ष 2005 में श्री श्री ने इराक का दौरा यजदी समुदाय के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए दौरा किया जो कि आईएसआईएस के लगातार हमलो से राजनैतिक और सांस्कृतिक विनाश के कगार पर पहुॅंच चुके थे। अपने ही देश में वर्ष २००५ में श्री श्री ने विस्थापित काश्मीरी पंडितों के एक सम्मेलन का भी आयोजन किया। तभी से गुरुदेव श्री श्री से लगातार काश्मीर मसलों पर विभिन्न प्रतिनिधि मंडल मिलते रहे हैं।

News Coverage –

Deccan Chronicle
Tribune India
Tribune India
Times of India – India Times
Indian Express
Greater Kashmir
Tribune India
Zee News

Interview with NDTV journalist

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