मैं तमिलनाडु के लोगों को शांत रहने और जल्लीकट्टू आंदोलन की शांतिपूर्ण प्रकृति को सामाज-विरोधी तत्वों द्वारा न हथियाने देने की अपील करता हूँ।
जल्लिकट्टू उत्सव के लिए दोनों बैल और लोगों को अच्छी तरह से तैयार किया जाता है। जो लोग इन बैलों को पालते हैं उनके लिए वह पशु पवित्र है। बैल को परिवार का एक हिस्सा माना जाता है और पूजा की जाती है। इस उत्सव में न तो पशुओं के साथ कोई क्रूरता होती है और न ही लोगों को चोट पहुंचाना उसका ध्येय है।
दक्षिण और मध्य अमेरिका में दुनिया के सबसे हिंसक क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के उनके चल रहे प्रयासों के तहत गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने लैटिन अमेरिका के आठ देशों के 13 शहरों की यात्रा की।
गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी, २९ नवंबर से १९ दिसम्बर तक, एक २० दिवसीय शांति अभियान पर दक्षिण और मध्य अमरीका में हैं। गुरुदेव श्री श्री ने अपनी इस यात्रा पर कहा, “शांति का महत्व कलह के समय में ही है। शांति के समय में तो हर कोई शांतिपूर्वक रह सकता है।”
गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने “बैक टू पैराडाइज सम्मेलन” के माध्यम से पर कश्मीर हालात पर बातचीत करने हेतु कई हितधारकों को एक साथ लाया।