‘I Am Ready to Do Whatever is Necessary to Achieve Reconciliation’
“For reconciliation, you need to drop the past and move ahead. For that, you need inner strength and spirituality can give you that strength. That’s what we promise to do”
“For reconciliation, you need to drop the past and move ahead. For that, you need inner strength and spirituality can give you that strength. That’s what we promise to do”
आज विश्व सांस्कृतिक महोत्सव और विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकीकरण के अवसर पर १२ लाख से अधिक लोगों ने एक स्वर में “वंदे मातरम” का गान किया। विश्व सांस्कृतिक महोत्सव मानवता की आत्मा, समूह में काम करने की भावना तथा विश्व की विभिन्न विविध संस्कृति के नागरिकों को एक सूत्र में बांधने हेतु संगीत व संस्कृति का गीत था। जिसमें ‘संपूर्ण विश्व एक परिवार’- ‘वसुदैव कुटुंबकम’ का सूत्र समस्त विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का दूसरा दिन इस आशा के साथ मनाया गया कि मत और विश्वासों में भेद के बावजूद दुनिया एक साथ आ कर शांति के लिए कार्य कर सकती है। भारत के धर्मनिरपेक्ष और एकजुट प्रकृति का साक्षी बना विश्व सांस्कृतिक महोत्सव, सद्भाव के संदेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मतावलम्बियों एवं आध्यात्मिक गुरुओं के एक साथ आ कर मंच साझा करने का भी साक्षी बना।
Eminent leaders from across the world discuss the paradigms of leadership
इस महत्वपूर्ण अवसर पर सबको सम्बोधित करते हुए , गुरुदेव ने कहा, “हमने भारत में हमेशा विश्व को एक परिवार के रूप में होने का सपना देखा है। आज वह सपना साकार होता दिख रहा है – “वसुधैव कुटुम्बकम” – हम सब एक हैं। अर्जेंटीना, मंगोलिया, नेपाल आदि देशों से दूर-दूर से लोग आए हैं और मैं यहां आप सभी का स्वागत करता हूं, और मैं कहूंगा कि आप सभी अपने घर आए हैं। यह आप सभी के लिए एक आध्यात्मिक घर है। ”