विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के समापन पर गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी ने विश्वास, सह-अस्तित्व और प्रसन्नता के संदेश को दोहराया। | Gurudev Sri Sri Ravi Shankar Reiterates the Message Of​ ​faith, Co-existence and Happiness as World Culture Festival​ ​draws to a Close

मई 16, 2016

आज विश्व सांस्कृतिक महोत्सव और विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकीकरण के अवसर पर १२ लाख से अधिक लोगों ने एक स्वर में “वंदे मातरम” का गान किया। विश्व सांस्कृतिक महोत्सव मानवता की आत्मा, समूह में काम करने की भावना तथा विश्व की विभिन्न विविध संस्कृति के नागरिकों को एक सूत्र में बांधने हेतु संगीत व संस्कृति का गीत था। जिसमें ‘संपूर्ण विश्व एक परिवार’- ‘वसुदैव कुटुंबकम’ का सूत्र समस्त विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

विश्व सांस्कृतिक महोत्सव पारस्परिक विश्वास के लिए मंच ऊपलब्ध करता है | World Culture Festival Sets Stage for Inter-faith Convergence

मार्च 15, 2016

विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का दूसरा दिन इस आशा के साथ मनाया गया कि मत और विश्वासों में भेद के बावजूद दुनिया एक साथ आ कर शांति के लिए कार्य कर सकती है। भारत के धर्मनिरपेक्ष और एकजुट प्रकृति का साक्षी बना विश्व सांस्कृतिक महोत्सव, सद्भाव के संदेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मतावलम्बियों एवं आध्यात्मिक गुरुओं के एक साथ आ कर मंच साझा करने का भी साक्षी बना।

Global Leadership Forum

मार्च 15, 2016

Eminent leaders from across the world discuss the paradigms of leadership

प्रधानमंत्री मोदी जी ने नई दिल्ली में विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का शुभारम्भ किया | Prime Minister Modi Kicks Off the World Culture Festival in New Delhi

मार्च 12, 2016

इस महत्वपूर्ण अवसर पर सबको सम्बोधित करते हुए , गुरुदेव ने कहा, “हमने भारत में हमेशा विश्व को एक परिवार के रूप में होने का सपना देखा है। आज वह सपना साकार होता दिख रहा है – “वसुधैव कुटुम्बकम” – हम सब एक हैं। अर्जेंटीना, मंगोलिया, नेपाल आदि देशों से दूर-दूर से लोग आए हैं और मैं यहां आप सभी का स्वागत करता हूं, और मैं कहूंगा कि आप सभी अपने घर आए हैं। यह आप सभी के लिए एक आध्यात्मिक घर है। ”