भारतवर्ष को एक नयी क्रांति की आवश्यकता है | India Needs a New Revolution

भारतवर्ष ने भले ही स्वतंत्रता ७५ वर्ष पूर्व प्राप्त करी, किंतु उसकी परम्परा में सदा ही विचारों की, अभिव्यक्ति की, और धर्म की स्वतंत्रता निहित रही है।

दुनिया की यह सबसे पुरानी विद्यमान सभ्यता हृदय से युवा और जीवंत है जिसमें वेदों के शाश्वत ज्ञान के साथ साथ, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सुंदर सह-अस्तित्व है।

जल्लीकट्टू – उपद्रव से प्राप्त सबक | Jallikattu – Lessons from the Stir

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि, स्वार्थपूर्ण प्रयोजन रखने वाले कुछ व्यक्तियों और संगठनों के अधिकारपूर्ण समावेश के कारण, जल्लीकट्टू के लिये “मरीना स्प्रिंग्स” जैसे एक स्वतःस्फूर्ण एवं न्यायोचित जन आंदोलन का अंत हो गया। चेन्नई में जो कुछ भी हुआ, उससे हमारी ऑंखें अवश्य खुल जानी चाहिये और हमें जन भावनाओं का सृजनात्मक रूप से प्रबंधन करने के लिये सबक लेना चाहिये।

गणतंत्र दिवस : आध्यात्मिक दृष्टिकोण | A Spiritual Angle to the Republic Day

हम अपनी माँ के गर्भ में एकांत में नौ महीने बिताते हैं। हमारे जन्म दिन से ही हम समाज के हो जाते है। ३ वर्ष के होने तक, हमारे अपने व्यक्तित्व की पहचान में हम घिरने लगते हैं और हमारा निजी व्यक्तिव बनने लगता है।

बहुस्तरीय लोकतंत्र | Layers of Democracy

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जिसमें एक अरब से भी अधिक लोग रहते हैं। हमारे यहाँ, प्रत्येक स्तर पर मतदान होते हैं- ग्राम पंचायत, जिला परिषद, ब्लॉक स्तर, राज्य स्तर तथा अंततः राष्ट्रीय स्तर...

आओ दौड़ शुरू करते हैं…पर जल्दी! | Let the Race Begin… but Early!

भारत में जब भी चुनाव आयोजित होते हैं, उस समय देश को भ्रष्टाचार, दल बदल, विद्रोह, अराजकता, अपराध और भ्रम के दलदल में फेंक दिया जाता है। अक्सर उम्मीदवारों के नाम अंतिम चरण में घोषित किए जाते हैं और बहुत...