अशांति के मध्य शांति : एक अनुभव ईराक में | Iraqis Experience Peace Amidst Turmoil

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इतने वर्षों से ईराक के लोग जो यातना झेल रहे हैं, उसकी तीव्रता को समझना कठिन है। वर्तमान अस्थिरता से कठिनाइयां बढ़ ही रही हैं। वर्तमान साम्प्रदायिक विभाजन से अनिश्चित भविष्य ही दिख रहा है। आज ईराक में कोई भी स्वंय को सुरक्षित अनुभव नहीं करता।

मैं प्रसन्न हूं कि आर्ट ऑफ लिविंग ने २००३ से ईराक में सांत्वना के भरसक प्रयास किए हैं। पिछले सप्ताह हमारे दो स्वयंसेवकों क्रिस्टोफ ग्लेज़र और मवाहिब अल शैबानी ने कुर्दिस्तान में नेतृत्व और शांति निर्माण के विषय में संसद के ३५ सदस्यों को प्रशिक्षण दिया।

Parlimentarians along with Art of Living faculty members at the leadership program by Art of Living in Kurdistan-Iraq

सांसदों ने श्वास की प्रक्रिया और ध्यान के माध्यम से गहन शांति का अनुभव किया। राजनैतिक व वैचारिक मतभेद को भुला कर, वे सब परस्पर मिले, अपने अनुभव बांटे तथा एक दूसरे को सांत्वना प्रदान की। अधिकांश ने अनुभव किया कि यदि अधिक से अधिक लोग इस तरह, इस कार्यक्रम से जुड़ें, तो वह ईराक में शांति लाने में सफल हो सकते हैं।

Art of Living Course for Kurdistan, Iraq politicians

उनमें से कुछ लोगों ने बताया कि कैसे इस कार्यशाला के बाद एक दूसरे को “जानने” से आगे बढ़कर “विश्वास” की तरफ बढ़ने में उन्हें मदद मिली है। वास्तव में ईराक में लंबे समय से चलने वाले इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए इसकी ही आवश्यकता है। बहुत लोगों ने यह माना कि इस कार्यशाला के बाद उनको यह जानने में मदद मिली है कि मतभेद होते हुए भी, एक समान इच्छा, समान लक्ष्य है – ईराक के लोगों की सेवा। स्काइप पर उनसे बातचीत के दौरान, मैंने यह अनुभव किया कि यदि हम इस समानता की डोर को पोषित करें तो हमारे पास शांति और विकास का बड़ा अवसर है।

सभी प्रतिभागी चाहते थे कि संपूर्ण संसद व सभी मन्त्री आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम करें। उस देश से, जहां संघर्ष और विनाश की त्रासदी वर्षों से लोग झेल रहे हैं, यह सांत्वना की आवाज दिल को छूने वाली थी।

यहाँ उनके कुछ अनुभव दिए गए हैं | Here are some of their experiences:

“पूरी संसद को यह कोर्स करना चाहिए तथा मंत्रियों को तो अवश्य करना चाहिए।”

“यदि इराक का प्रत्येक नागरिक यह कोर्स कर लेगा, तो हम शांति से रह सकते हैं।”

“पहले हम एक दूसरे को नहीं जानते थे, व्यक्तिगत रूप से एक दूसरे को जानना भी नहीं चाहते थे। पर अब हम एक दूसरे पर विश्वास करते हैं!”

“पिछले १० वर्षों में, पहली बार आज मैं ठीक से सोया हूं। मैं चाहता हूं कि मेरा पूरा परिवार इसे सीखें। मैं अपने परिवार के साथ इसका अभ्यास करना चाहता हूं।”

“हमने इतने आघात सहे हैं कि, हम ठीक प्रकार से सो भी नहीं पाते, यहां मुझे विश्राम मिला है। मैं बहुत आरामदायक महसूस कर रहा हूं और ठीक से सो पा रहा हूं।”

“हम चार विभिन्न राजनीतिक दल हैं, परंतु यदि हम मिल-जुलकर एकता से बात करें, तो सारी कठिनाइयां हल हो सकती है।”

“हम सोचते थे कि हमारे भीतर नेतृत्व की क्षमता या तो जन्मजात ही होती है या बिल्कुल भी नहीं होती। परंतु अब हमने जाना कि इसको हम सीख सकते हैं।”

“अब हमें अनुभव हो रहा है कि हम एक ही परिवार हैं!”

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